कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Saturday, May 20, 2017

एप्लीकेशन


काश🤗 कि बदलते समय और बदलते दुनियावी आदतों को बदलने के लिए आते कंप्यूटर एप्लीकेशंस में कुछ ऐसा बदलाव हो कि हम फेसबकिया कवियों के जिंदगी में आमूलचूल परिवर्तन लाने 😀 हेतु एक मजेदार एप्लीकेशन का इजाद हो जाए जिसके फलस्वरूप :-
जिससे मानवीय भावनाओं को स्थूल रूप दिया जा सके 🤓। एक बटन दबा दो तो पट से कुछ पागलपन की गोलियां निकलती - जो खाए, वही साहित्यकार 😜| साथ में होता कोई सिरप जैसा कुछ, सुबह शाम पीते ही, इंस्टेंट कथाकार | एटैचमेंट में एक डिबिया होती जिसमें प्रेम की रंग बिरंगी टिकिया होती, 😉 जिसे दे दो वही रात के तारे गिने, लगे गुनगुनाने - यार बिना चैन कहाँ रे, प्यार बिना चैन कहाँ रे या फिर खुद को इमरोज समझ अमृता की खोज शुरू कर देते | 🤣 कुछ कंट्रोल प्लस ऍफ़ वन टाईप बटन होते जिन्हें दबाते ही गुलजार वाली फीलिंग भर जाती | फिर दरख्तों और रोशनदानों पर ढूंढने लगते नए नए बिम्ब कविताओं के लिए | 😉
फ्री में साथ में, रचना संसार का पाउडर भी हुआ करता 🤗| तब हम हर मित्र को यही उपहार में भेजते | कविता की पुडिया पानी के साथ खाओ और फिर छंद लिखो, ज्यादा खा लिया तो धनाक्षरी, माहिया सोहर गीत सब लिख डालो| 😉 दुनिया ही काव्यमय हो जाती| न होता प्रकाशन का झंझट और न ही फिर किसी एक आध के प्रकाशित कविता के लिए बधाई का तांता लगता, या न ही उसे चुपके से पूछते, कितने का चेक आया 🤓
कुछ पेंट ब्रश सा अजीब ऑप्शन भी होना चाहिए था 😊 ताकि कविताओं के जीवंत होने के लिए आंसू की बूंदे या फूलों की फुहारें कवितानुसार बरसती रहती 😊
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सोचो सोचो, 😍 कोई ऐसी ईजाद क्यों नहीं !! आखिर ऐसी उल जलूल सोच ही तो खुशी देती है 😀
ऐसे भी "चिंताग्रस्त व्यक्ति मृत्यु से पहले ही कई बार मरता है" तो
मैंने चिंता छोड़ कर चिंतन करने की शुरुआत कर दी है 

आप भी कोशिश करो न 🤗

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