कविता संग्रह "हमिंग बर्ड"

Thursday, September 18, 2014

हमिंग बर्ड

कार्टूनिस्ट काजल भाई  के अनुसार  हमिंग बर्ड के बदले शाउटिंग करने वाली बर्ड होती तो कुछ और बात होती ............. :) :P
_______________________
अब उम्मीद तो हमें अपने हम्मिंग बर्ड से ही है ....... देखते हैं, होता है क्या :) , वैसे इन्फिबिम और होम शॉप 18 पर उपलब्ध है ......हमिंग बर्ड !! :)
थैंक्स काजल भाई, मेरे लिए इतना समय देने के लिए :)


Wednesday, September 17, 2014

"हमिंग बर्ड के फ़ाइनल कवर बनने के क्रम में :) "

"हमिंग बर्ड के फ़ाइनल कवर बनने के क्रम में :) "

शैलेश जो मेरे मित्र और मेरे "हमिंग बर्ड" के प्रकाशक हिंदी युग्म के सर्वे सर्वा भी हैं, औरों से कैसे अलग हैं, बस ये दिखाना चाहता हूँ !!

चूँकि मेरी कवितायेँ जो सिर्फ मेरी संवेदना और सोच है, जो साहित्यक रूप से बहुत दमदार नहीं होती, इसलिए मैं चाहता था, उसका नाम और उसका कवर कुछ इतना अलग हो की लोगो को अपने और खिंच पाए !!

मेरे हमिंग बर्ड के  कवर डिजायनर विजेंद्र जी ने जो पहले कवर पेज बनाया (उसको फिर कभी पोस्ट करूँगा) वो थोडा ऑफ बिट था, और मुझे उसमे चमक चाहिए था, इस वजह से नया बनने में समय लग रहा था, शैलेश को लगा, मुझे थोडा गुस्सा आ रहा है, तो बस उन्होंने अपने मित्रता के कारण खुद से ही एक कवर पेज बना दिया ............ और अचरज ये है, की मुझे वो बेहतरीन भी लगा !!

पर, शैलेश ने कहा, नहीं ये तो टाइम पास  है, विजेंद्र जी कल परसों तक नया बना देंगे :)
____________________________________
आप भी देखिये, कैसे एक बुक के बनने के क्रम में कितनी सारी कठिनाइयां आती है :)

हम जैसे "लल्लू" रचनाकार, ऐसे ही कुछ भी शेयर करेंगे :)

झेलिये !! और हाँ !! 'हमिंग बर्ड' मंगवाना भूलियेगा मत :D



Monday, September 8, 2014

मेरा जन्मदिन

आज मैं 43 वर्ष का हो गया :)
______________________
कल रात नींद नहीं आ रही थीं, खुद के जन्मदिन से जुडी सारी स्मृतियाँ सामने से गुजरती चली जा रही थी :)

मैया से ही सुना था, याद नहीं ... कैसे बचपन में तैयार वैयार कर के खीर से दिन की शुरुआत होती थी :D

फिर कुछ उम्र गुजरी, अब जन्मदिन के दिन सत्यनारायण भगवान् का पाठ होने लगा, पर वो दिन सबसे बेकार था, खुद के जन्मदिन में भूखे रह कर पूजा करना पड़ता था ... :) छिप छिपा कर फिर भी कुछ न कुछ खा ही लेते थे, एक बार पकडे भी गए थे :P, तो फिर मेरे बदले बाबा को पूजा करना पड़ा था :) :D

कुछ दिनों बाद, पूजा के साथ-साथ शाम में हलवा से बने केक को भी काटने लगे :) अब गाँव में और कुछ तो मिलता नहीं था, और न ही सोचते थे की कैसे लाया जाये ...... पर हाँ उन पर मोमबत्तियां पूरी होती थी, यानी जन्मदिन वाले वर्ष से एक अधिक ........ और फिर फूंक :) और हैप्पी बर्थडे :)

फिर मैया कहती सभी बड़ो को पैर छुओ :) , हम भी जरुर पैर छूते, आखिर गिफ्ट में 5 ya 10 रूपये का नोट या फिर एम्प्रो / मिल्क बिकिस बिस्किट मिलता :) दौड़ कर उसको छिपा देते :)

और दिन गुजरे, अब मैया गाँव में होती, और हम मम्मी पापा के साथ शहर में ......... एक आध बार ओरिजिनल वाला केक भी कटा, कुछ कोलेज वाले दोस्त भी आ जाते :)

फिर शादी हुई, अंजू दुनिया में आयी .......... हर बार मेरे सोने का वेट करती है, और फिर चुप चाप से गिट्स के पैकेट से रसगुल्ला बना कर, ठीक 12 बजे उठाने की कोशिश ......... :) एक आध बार हम नहीं सोते हैं, फिर भी सोने का नाटक करते हैं .......... और फिर बर्थडे मन जाता है :) ........... वैसे इस बार रसगुल्ला बनने में समय लग गया .......... और हमें 12.15 बजे हैप्पी बर्थडे का आवाज सुनाई पड़ा :)
_________________________________
इन सबके साथ एक और बात ख्याल में आया, वो अहम् है ...... :)
मान लो मेरा जन्म नहीं हुआ होता तो, तो क्या हो जाता ......... ऐसा कुछ भी तो नहीं किया अब तक मैंने की मेरे जाने के बाद कोई भी मुझे एक पल को भी याद रखे ....... !!

बस ऐसे ही जिए जा रहें, एक और वर्ष जुड़ गया ........ :)